Sunday 9 June 2019

प्रतियोगी परीक्षाओं मे चयन (selection) के बाधक~ एक विश्लेषण(भाग-4)

प्रिये मित्रों।
बहुत सारे लोग व्यक्तिगत रूप से message भेजते हैं कि क्या उनका selection SSC मे हो पायेगा या नहीं।
इसका जवाब देने के लिए मैं candidates को दो category मे बाट कर समझाना चाहूँगा।
पहली category मे वोलोग आते है, जो internet के प्रेमी होते हैं। उनके लिए internet उनकी प्रेयशी से कम नहीं हैं।
कुछ लोग तो प्रातःकाल 5 बजे भी मुझे online दिखते हैं। अरे भाई, पढ़ाई के दौरान इतने सुबह internet कौन use करता हैं। मतलब उनकी सुबह ही time waste के साथ start होती हैं।
कुछ SSC के aspirants दिन भर online ही दिखते हैं, कुछ कुछ jokes डालते रहते हैं। भाई, देखो। ये सब करके समय बर्बाद करने का time selection के बाद आपको जरूर मिलेगा। लेकिन selection से पहले तो थोड़ी सी ऐतियात तो बरतनी चाहिए।
मेरे इस post से कुछ लोग राजी नहीं होंगे। वो कहेंगे कि हमने तो दिन भर online रहने के बाद भी exam easily qualify किया है। तो मैं यहाँ बतलाना चाहूँगा कि ऐसा कहने वाले या तो शुरू से ही कुशार्ग बुद्धि के होंगे या उन्होंने अपनी तैयारी को उस level मे पहले ही पहुँचा दिया होगा।
दोस्तों, जिंदगी मे समय बर्बादी के लिए बहुत time मिलेगा। लेकिन समय utilize करने के लिए बस अभी का time हैं।
अभी instragram के model बनने से अच्छा है कि आप अच्छे से पढ़ ले। क्योंकि दिन प्रतिदिन SSC मे competition बढ़ते जा रहा है।
थोड़े देर faceebook या whatsapp use करने मे कोई बुराई नहीं है। पर आपलोग जानते ही हैं, excess of everything is bad
इसलिए थोड़ा कम facebook use करे। एक दम से facebook छोड़ने की आवश्यकता नही हैं। पर उसका एक time set कर ले। और उसी time use करे।
अब बात करे दूसरी category के लोगो की-
ये वोलोग है, जिनका इंटरनेट जगत से उतना लगाव तो नही होता। पर ये पढ़ाई के दौरान एक गलती कर जाते है।
वो किसी एक subject(जिसमे वो पहले से प्रबल और उच्च क्षमता वाले हो) पर ध्यान देते हैं परंतु अपने कमजोर subject पर ध्यान नही देते।
दोस्तों याद रखो, SSC मे selection के लिए कोई अतिविद्वान होने की जरूरत नही अपितु प्रत्येक subject मे अच्छी पकड़ होनी चाहिए। एक subject के बल पर SSC crack करना इतना easy नही होता। कुछ ऐसे भी incident देखने को मिले है, जहाँ एक बन्दे ने math मे 195 marks ले आये और english मे 100 marks ही आये।
अतः प्रत्येक विषय पर समान पकड़ बनाये। कांसेप्ट4 समझें। और अपने डर से भागे नहीं
अगर किसी particular subject से डर लगता है तो उस पर भी ध्यान दे।। उससे भागे नही।
मैं समझता हूँ कि ये suggestions आपके कुछ काम आने चाहिए। इन suggestions के सार को समझने का प्रयत्न करें। अगर ये suggestion सही लगे तो इसे अपने जीवन मे अंगीकार करें। अगर suggestions सही न लगे, तो अपने विवेक से जो सही लगे, वो करें क्योंकि हम स्वयं खुद का अच्छा सोच सकते। 😊
धन्यवाद।

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प्रतियोगी परीक्षाओं मे चयन (selection) के बाधक~ एक विश्लेषण(भाग-3)


बाधक संख्या 3- Facebook और Whatsapp मे अपने को Rockstar या Queen साबित करने की जदोजहद-
कौन popular होना नहीं चाहता। सब popular होना चाहते, चाहे popular होने के लिए उन्हें किसी भी हद तक क्यों न जाना हो।
कुछ अभिनेत्रियां व models अपने अभिनय के प्रारंभिक दौर मे जब वो अच्छे role पाने के लिए जूझ रही होती, उस दौरान वो Casting Couch जैसे ग़लत चीज़ों को भी करने को ready हो जाती।
(मैंने कुछ Model कहा। सारे models के बारे मे नहीं कहा। Mind it!) (ये explanation मुझे इसलिए देना पड़ा क्योंकि आजकल के लोग बहुत ज्यादा समझदार हो गए हैं 😊 क्या बताऊँ साहेब। एक छोटी सी statement से किसी area मे दंगे तक हो सकते।
अगर मेरी भाषा मे कहा जाए तो आज के लोगों मे E.I.(Emotional Intelligence) की बेहद कमी हो गई है। 🙂)
माफ करना भाई लोग। मुझे disclaimer(अस्वीकरण) बीच मे इसलिए देना पड़ा क्योंकि न जाने, कौन मेरे इस बात के लिए मेरा दुश्मन हो जाता। बताया न, आज कल के लोग बहुत समझदार है 😁😊
कहाँ थे हमलोग!! हाँ। याद आया। हमलोग popular होने की जदोजहद की बात कर रहे थें। कुछ लोग तो मुझ पर भी इल्ज़ाम लगाते है कि मैं famous होने की मंशा से Facebook मे SSC related post डालता हूँ। 😣 इस संबंध में बस मैं इतना कहना चाहूँगा की मैं किसी समाज सेवा या popular होने के नाते post नहीं डालता अपितु मुझे लिखना पसंद है,बस इसलिए मैं post डालता हूँ। इसमें मेरा अपना हित है। अतः मुझे कोई समाजसेवी न समझे। 😊🤗
अब आते है काम की बात पर। आज कल के Government Job Aspirants का आधा से ज्यादा समय या यूं कहें तो सारा समय Facebook, Instagram एंड Whatsapp मे अपने आपको famous करने मे बीत जाता है।
Swag हैं भाई का, looking super hot Darlo😘। इन बातों को सुनने के लिए आज कल के Aspirants अपने mobile से अपने को चिपका कर बैठते है।
कुछ aspirants तो ये बहाना करके facebook से जुड़े रहते है कि कुछ अच्छे Group है Facebook मे, उनसे पढ़ाई अच्छी हो जाती। भाईलोग और उनकी बहन लोग, दिल पर हाथ रख कर बताना कि वाकई मैं वो केवल Group मे पढ़ाई करती है या फिर पढ़ाई के बहाने Group मे post हो रहे अनगिनत वाहियात post और comments का हिस्सा हो रहे?
मैंने तो यही देखा है कि लोग पढ़ाई करने के बहाने whatsapp या Facebook खोलते, पर group मे पढ़ाई कम, नौटंकी ज्यादा करते। लोगों के comments खोल खोल कर पढ़ते, कुछ funny comments मे खिलखिला कर हँसते औऱ अगर किसी लड़की ने कुछ help मांगा हो तो जरूरत से ज्यादा प्यार और अपना समय उसके सवाल के हल ढूंढ़ने मे लगा देते।
मैं ये नहीं कह रहा कि दूसरों की मदद करना ग़लत है। पर दोस्तों पहले अपनी तो मदद कर लो। 😉 पहले खुद तो कुछ बन जाओ। कुछ बड़ा हासिल करो। उसके बाद जी खोल कर जिंदगी और social networking sites के मज़े लेना। उस time कोई नही रोकेगा आपको। 😊
परिशिष्ट भाग(Post Script)-
आप genuinely पढ़िए सरकार। खुद को बेवकूफ़ न बनाएं। स्वयं का खुद आकलन करे और मंथन करे कि क्या सच मे वो Facebook और Whatsapp मे दिए समय के आनुपातिक लाभ प्राप्त कर रहे या नहीं। अगर यह अनुपात ऋणात्मक(negative) है तो आपको Social networking sites मे दिया जाने वाले समय को घटाना होगा ताकि ये अनुपात सकारात्मक हो जाए। मैं गणित की भाषा मे अपनी बात को समझाना चाह रहा, अब Government aspirants से ये उम्मीद तो की जा सकती है न कि वो गणित के Basic ज्ञान की भाषा को समझ सके। 😊
धन्यवाद।
अंक जारी.......

प्रतियोगी परीक्षाओं मे चयन (selection) के बाधक~ एक विश्लेषण(भाग-2)



बाधक संख्या 2- किताबों की जमघट
जमघट लगाना किसे पसंद नहीं हैं। 😁 कभी चाय और सुट्टा पीने के बहाने भी लड़के चाय की दुकान के आगे जमघट लगाते हैं। Class वाली लड़की का setting किस लड़के के साथ है या आज कल किस कपड़े का ज्यादा फैशन हैं, ये भी लड़कियों के जमघट मे अत्यंत ज्वलनशील विषय होती।
ठीक इसी प्रकार aspirants मे किताबों की जमघट अर्थात उनका होड़ लगाना आम बात हैं। किसी बंदे ने नए किताब की तारीफ क्या कर दी, aspirants उन्हें खरीदने को आतुर हो जाते, चाहे वो किताब उनकी book shelf मे धूल की चादर क्यों न ओड़ ले।
मुद्दा ये नहीं है कि आपके पास कितनी किताबें हैं। महत्वपूर्ण ये है कि आपके द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ख़रीदी गई किताबों के विचार(concepts) आपको समझ आए या नहीं।
मुद्दा ये नहीं है कि आपके पास सारी की सारी प्रसिद्ध(Famous) लेखकों की किताबें है या नहीं। महत्वपूर्ण ये है कि आपके पास प्रत्येक विषय का केवल एक प्रसिद्ध writer की किताब हो , जिसके सारे concepts(विचार) और पहलू आपके जेहेन मे ठीक उसी प्रकार शुशोभित हो जैसे एक सीप के अंदर मोती शुशोभित रहती है।
मैं कोई theoritical बातें नहीं कर रहा, मैं बस अपने समझ से वही बता रहा हूँ जो मैंने तैयारी के दौरान अपनी गलतियों से सीखा।
उपसंहार-
जमघट लगाईये न महाराज, किसने रोका हैं। पर जमघट सफलता प्राप्त करने के उपरांत आपके बारे मे नकारात्मक विचार रखने वाले उन लोगों का लगाईये जिसको आपकी सफलता अचंभित कर देंगी और ये बोलने को मजबूर कर देगी," मुझे पहले से पता था, ये लड़का बहुत आगे जाएगा।" 😀😁🤗
धन्यवाद।
अंक जारी ......

प्रतियोगी परीक्षाओं मे चयन (selection) के बाधक~ एक विश्लेषण


शुभप्रभात! दोस्तों, बहुत दिनों से मैं आपलोगों के समक्ष उपस्थित नहीं हो पा रहा था। messenger मे कुछ लोग मुझे group मे कुछ नया लिखने को कह रहे थें। बहुत मनन करने के बाद मैं सोचा कि कुछ ऐसा लिखूँ, जो सामान्यता प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षाओं के aspirats के साथ होता हैं, जो उनके तैयारी में सबसे बड़ा बाधक बन कर उभरता हैं।
Disclaimer(अस्वीकरण)- कुछ aspirants पूरी समर्पण के साथ पढ़ाई करते और झुझते है , उनकी बस किस्मत साथ नहीं दे रही। वैसे समर्पित aspirants से आग्रह हैं कि अपना प्रयत्न जारी रखे, सफलता जरूर आपके कदम चूमेंगी।
नीचे दिए जाने वाले बाधक उपरोक्त बताएं हुए aspirants को include नहीं करता।
बाधक संख्या 1- Distraction(भटकाव)-
जब कोई aspirant अपने घर छोड़ कर कही बाहर तैयारी करने के उद्देश्य से निकलता है तो वह ठीक उसी कुँए के मेंढक की तरह होता है, जिसने पहली बार कुँए से बाहर धरती पर कदम रखा हो।
बाहर की ताम झाम और रँगीली भरी शाम देख लोग तलमला जाते हैं और किसी ऐसे गर्त में गिर जाते है, जहाँ से निकलना मुश्किल नहीं, नामुमकिन सा हो जाता। उदाहरण के तौर पर,
बाहर पढ़ने वाले लड़कों मे शराब की लत दोस्तों के साथ रहते लग जाती और उन्हें जो पढ़ने के लिए घर से पैसे दिए जाते, वो तो शराब मे उड़ जाते।
जब कोई बाहर पढ़ने जाता तो उन्हें प्यार होना भी लाज़मी है। कहा जाता हैं न "opposite attracts"। बस यही हो जाता लड़के और लड़कियों में। वो अपना ज्यादा समय किसी लड़की या लड़के के प्यार मे गुजार देते। रात भर प्यार भरी बातें होती रहती और रात से सवेरा हो जाता। अरे भाई, प्यार करने से किसने रोका हैं। पर सही time मे प्यार करो न किसी से। पहले कुछ बन तो जाओ। रात भर whatsapp मे video chat एंड flirt करने मे निकाल दोगे तो पढ़ाई कब करोगे। ये बात लोगो को काफी देर समझ आती, जब समय या तो निकल जाता या समय चरम सीमा पर पहुँच जाता।
भाई लोग, समय का चक्र चलते रहता। समय का सदुपयोग करो ,नहीं तो वो कहावत चरितार्थ हो जाएगी, "फसले तो गिरले रे बेटा"। 😉
अंक जारी.....